आज किरीट सोमैया को क्या मिला स्पीक एशिया का विरोध करके कुछ नहीं मिला तो सिर्फ और सिर्फ बीस लाख पैनेलिस्तों की बददुआएं जो की उनका विनाश करके ही दम लेगीं !! यह सोच ही है जो की उन्हें एक जन नायक बनने के बजाय खलनायक बना दिया और वह आज बीस लाख लोगों की निगाह में नफरत का पात्र बन चुके हैं !!
इस बात से ही पता चल जाता है की हमारा दुश्मन कौन है. बात यहाँ पर आकर रुकती है की इनकी सोच को कैसे बदला जाय? यहाँ एक काम हम कर सकते है यैसे भी जयादा वक़्त नहीं बचा है इंतजार की घडिया ख़त्म होने को ऐसे में हम क्यों EXIT OPTION का उपयोग करके ये बताये की हम कितने त्रस्त है या निकलने को बेक़रार है.
हम में से एक भी बन्दा इसका उपयोग न करके इनको बता दे की हमें किसी भी तरीके से तोडना या सोल से अलग करना नामुमकिन है तब धीरे धीरे इनकी सोच बदलेगी और जो ये लोग सोल की गंगा में डुबकी लगाना चाहते ही है तो क्यों न पेनलिस्ट बनकर ही कमाया जाय.
मेरी ये सोच है की जब तक सोल की मुख्य साईट न खुल (वैसे भी ज्यादा वक़्त नहीं बचा है ) जाय तब तक हमें कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए.
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